आखिर रावण कौन था?

ज्ञान से ज्यादा प्रभुतव उसके अनुसरण का होता है।

ज्ञान स्वाभिमान का दाता हो तो कीर्ति प्राप्त होती है।

पर जब ज्ञान अहंकार को जनम दे, तो क्षतीदायक होता है।


रावण बल और बुद्धीमत्ता का स्वामी था।

पर बल पे बुद्धी, और बुद्धी पे कर्म भरी होता है।

रावण का अंत राम ने नही, रावण के अहंकार ने किया।


उपलब्धी से निर्मल बने, तभी ज्ञान, बल, बुद्धी आपके पक्ष मे होंगे।

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